HMPV in Bangladesh: मौत के बाद अस्पताल के डॉक्टर ने बताया, “वह सिर्फ HMPV संक्रमण से नहीं मरी है. एक्स-रे से पता चला कि उसे मोटापा, किडनी संबंधी समस्याएं और लंग्स इंफेक्शन समेत कई अन्य बिमारियां थीं.”
कोरोना के बाद अब ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) के बढ़ते मामले लोगों में डर पैदा करने लगे हैं. लखनऊ में गुरुवार को HMPV से पहली मौत दर्ज की गई. भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी ऐसी ही खबर सामने आई है, ढाका में 30 साल की एक HMPV संक्रमित महिला की मौत हो गई. महिला को HMPV के साथ कई और स्वास्थ्य समस्या थी.
इस मामले के सामने आने के बाद बांग्लादेश में चिंताएं बढ़ गई हैं. क्योंकि बांग्लादेश अभी राजनीतिक संकट से गुजर रहा है. ऐसे में किसी बढ़ी महामारी का मुकाबला करने के लिए उसका स्वास्थ्य ढांचा तैयार नहीं है. हालांकि सरकार की तरफ से HMPV से जुड़ी सावधानियां बरती जा रही हैं.
सिर्फ HMPV नहीं है मौत का कारण
ढाका के मोहाखाली अस्पताल के डॉक्टर अरिफुल बशर ने बताया कि मृतका संजीदा अख्तर की मौत शाम करीब 6 बजे हुई. अरिफुल बशर ने कहा, “वह सिर्फ HMPV संक्रमण से नहीं मरी है. एक्स-रे से पता चला कि उसे मोटापा, किडनी संबंधी समस्याएं और लंग्स इंफेक्शन समेत कई अन्य बिमारियां थीं.” बांग्लादेश में HMPV प्रभावित मरीज की ये पहली मौत है, वहीं उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुई मौत भारत की पहली मौत थी. जिसके बाद शहरों में सतर्का बढ़ा दी गई है.
मुंबई में बढ़ाई गई सतर्कता
हाल ही में मुंबई में बढ़ते ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है. वायरस के संभावित प्रकोप को रोकने और संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए मुंबई के प्रतिष्ठित सरकारी कामा अस्पताल में 3 विशेष आइसोलेशन वार्ड की स्थापना की गई है.
इसके साथ ही राज्य सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो संक्रमण की स्थिति पर नज़र रखेगा और आवश्यक कदम उठाएगा. मुंबई के सरकारी अस्पताल कामा एंड अल्बलिस को महाराष्ट्र का पहला HMP वायरस अस्पताल घोषित किया गया है. इसके अलावा पुणे के नायडू अस्पताल में राज्यभर के मरीजों के सैंपल्स को टेस्ट के लिए भेजा जा रहा है. साथ ही ठाणे के सेंट्रल जिला अस्पताल में भी HMP वायरस के आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं.