UP उपचुनाव 2024 में सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी और निषाद पार्टी के बीच तनाव बढ़ गया है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने नाराजगी जताई है कि उनकी पार्टी को कोई सीट नहीं दी गई है। इस नाराजगी के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संजय निषाद को बातचीत के लिए बुलाया है।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी ने मझवां सीट निषाद पार्टी को देने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इसे बीजेपी के सिंबल पर लड़ने की शर्त रखी गई थी। संजय निषाद ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि बिना सिंबल के उनके कार्यकर्ता काम नहीं कर पाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मझवां सीट पर उनकी पार्टी का हक बनता है और वह इस सीट से कोई समझौता नहीं करेंगे।
अब बीजेपी संजय निषाद को मनाने में जुटी है, क्योंकि यह विवाद उपचुनाव में एनडीए की रणनीति पर असर डाल सकता है।
संजय निषाद को मनाने में जुटी बीजेपी
सीएम आवास से फोन आने के बाद संजय निषाद ने पांच कालिदास मार्ग पहुँचकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच लगभग आधे से ज्यादा देर तक बातचीत हुईं. इस दौरान क्या हुआ इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.
इससे पहले रविवार को दिल्ली में हुई बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में बीजेपी ने नौ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए और एक मीरापुर सीट रालोद को दी है जबकि निषाद पार्टी ने भी दो सीटों कटेहरी और मझवां सीट पर दावा किया था. वहीं बीजेपी ने संजय निषाद को साफ संदेश दिया कि वो मझवां सीट निषाद पार्टी को दे देगी लेकिन चुनाव बीजेपी के सिंबल पर ही लड़ा जाएगा. लेकिन बीजेपी के इस ऑफ़र को संजय निषाद ने नकार दिया.
सिंबल नहीं मिलने से नाराज संजय निषाद
एबीपी से बात करते हुए संजय निषाद ने कहा कि वो इसके लिए हरगिज तैयार नहीं है. बिना सिम्बल के कार्यकर्ता मोबलाइज नहीं होंगे और इन दो सीटों पर हमारा हक बनता है. उन्होंने कहा कि मैं कम से कम मझवां सीट से कोई समझौता नहीं करूंगा. अगर वो सीट हमें नहीं मिलेगी तो हम गठबंधन में रहकर क्या करेंगे. मैं कैसे अपने लोगों और कार्यकर्ताओं को समझाऊंगा. 2022 विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी कटेहरी और मंझवा दोनों सीटों पर चुनाव लड़ी थी और अपने सिम्बल पर लड़ी थी. इनमें से हमने एक मझवार सीट पर जीत हासिल की और एक पर हार गए थे.