भारतीय तटरक्षक बल (IGC) के जहाज ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के समुद्री क्षेत्र में फंसे 54 यात्रियों को सफलतापूर्वक बचा लिया है. इनमें 22 महिलाएं और 23 बच्चे शामिल हैं. 14 जनवरी को कवारत्ती से सुहेलीपार द्वीप जा रही एक नाव अचानक लापता हो गई थी. इस बात की जानकारी लक्षद्वीप से एक कॉल मिलने के बाद IGC ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नाव की खोज में ऑपरेशन शुरू किया.
भारतीय तटरक्षक बल (IGC) के जहाज ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के समुद्री क्षेत्र में फंसे 54 यात्रियों को सफलतापूर्वक बचा लिया है. इनमें 22 महिलाएं और 23 बच्चे शामिल हैं. दरअसल बीते मंगलवार 14 जनवरी को कवारत्ती से सुहेलीपार द्वीप जा रही एक नाव अचानक लापता हो गई थी. जिसमें 54 लोग सवार थे. इस बात की जानकारी लक्षद्वीप से एक कॉल मिलने के बाद IGC ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नाव की खोज में ऑपरेशन शुरू किया.
भारतीय कोस्ट गार्ड के मुताबिक दोपहर करीब 2:30 बजे लक्षद्वीप प्रशासन ने कवारत्ती स्थित भारतीय तटरक्षक बल को जानकारी दी कि एक नाव जो रात 12:15 बजे कवारत्ती से सुहेलीपार द्वीप के लिए रवाना हुई थी, अपने गंतव्य पर नहीं पहुंची. इस दौरान नाव पर सवार यात्रियों और क्रू मेंबर्स से भी कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था. नाव के सुबह 9 बजे तक सुहेलीपार पहुंचने की उम्मीद थी.
नाव का इंजन हुआ था खराब
इस नाव में सवार 54 यात्रियों में 22 महिलाएं, 9 पुरुष, 3 नवजात और 20 बच्चे शामिल थे. मामले की जानकारी मिलते ही भारतीय कोस्ट गार्ड ने बिना देर किए सर्च और रेस्क्यू मिशन शुरू किया.कवारत्ती से ऑपरेशन चलाया गया और नाव का पता लगाया गया. इस दौरान पता चला कि नाव का इंजन खराब हो गया था और वजह से वह समुद्र में फंसी हुई थी.
सुहेलीपार द्वीप से 4 समुद्री मील दूर थी नाव
करीब 4:30 बजे कोस्ट गार्ड ने नाव का पता लगा लिया, जो सुहेलीपार द्वीप से 4 समुद्री मील दूर थी. इसके बाद सभी यात्रियों को सुरक्षित रूप से पोत पर चढ़ाया गया और उन्हें प्राथमिक उपचार और राहत सामग्री दी गई. अगले दिन बुधवार 15 जनवरी को सुबह 9 बजे सभी यात्रियों को सुरक्षित रूप से कवारत्ती पहुंचाया गया.
इस घटना के बाद तटरक्षक बल ने प्रशासन से अपील की है कि नावों पर ओवरलोडिंग से बचा जाए और सुरक्षा उपकरण अनिवार्य रूप से रखे जाएं. तटरक्षक बल के अधिकारियों ने इस खोज और बचाव अभियान की प्रशंसा की है और स्थानीय प्रशासन द्वारा भी उनकी त्वरित कार्रवाई की सराहना की जा रही है. यह रेस्क्यू ऑपरेशन भारतीय तटरक्षक बल की तत्परता और ‘वयम् रक्षामः’ यानी ‘हम रक्षा करते हैं’ के संकल्प को साबित करता है.