चमगादड़ की बीट से गांजा नशीला बनाने का एक्सपेरिमेंट, अमेरिका में दो लोगों की मौत

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Cannabis Bat Guano: अमेरिका के न्यूयॉर्क में गांजा उगाने के लिए चमगादड़ की बीट(गुयानो) को इस्तेमाल दो लोगों के लिए जानलेवा साबित हो गया। दोनों के फेफड़े इस बीट की वजह से ऐसे संक्रमित हुए कि जान चली गई। जानें पूरा मामला।

Cannabis Bat Guano: अमेरिका के न्यूयॉर्क में गांजा उगाने के लिए चमगादड़ की बीट(गुयानो) को इस्तेमाल दो लोगों के लिए जानलेवा साबित हो गया। दोनों के फेफड़े इस बीट की वजह से ऐसे संक्रमित हुए कि जान चली गई। दोनों वाकये अलग अलग हैं। हालांकि, दोनों ही मामले न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इलाके में सामने आए हैं। एक्सपर्ट ने कहा है कि इस तरह का कोई भी एक्सपेरिमेंट जानेवला साबित हो सकता है।

गांजा को ज्यादा नशीला बनाने का कर रहे थे एक्सपेरिमेंट
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, चमगादड़ की बीट की वजह से जान गंवाने वाले दो लोगों में से एक की उम्र 64 साल और दूसरे की उम्र 59 साल थी। दरअसल, दोनों ने चमगादड़ की बीट का इस्तेमाल कर उगाए गांजा उगाया। दोनों ने गांजा को ज्यादा नशीला बनाने के इसे चमगादड़ की बीट से उगाने का एक्सपेरिमेंट किया गया था। हालांकि, यह जानलेवा साबित हुआ।

चमगादड़ की बीट कैसे बनी मौत की वजह?
बताया जा रहा है कि नियमित तौर से गांजे के पौधे की जड़ में फर्टिलाइजर के तौर पर गुयानो यानी कि चमगादड़ की बीट डाला जाता था। इसके बाद तैयार हुए पौधे के गांजे को जब दोनों ने पीया तो इनके फेफड़े संक्रमित हो गए। संक्रमण इतना गंभीर था कि दोनों की इसकी वजह से मौत हो गई। गुयानो से उगे गांजे के धुएं ने दोनों के फेफड़ों के ज्यादातर हिस्से खराब कर दिए। संक्रमण ऐसा हुआ कि फेफड़े रिकवर नहीं हो पाए।

क्यों खतरनाक है चमगादड़ की बीट
एक्सपर्ट के मुताबिक, चमगादड़ की बीट यानी कि गुयानो में हिस्टोप्लाज्मा कैप्सुलेटम फंगस होता है। यह बेहद ही खतरनाक फंगस है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक शख्स ने ऑनलाइन गुयानो की खरीदारी की थी। जबकि, दूसरे शख्स ने अपने घर पर ही चमगादड़ की बीट इकट्ठा कर यह फर्टिलाइजर तैयार किया था। इसके बाद इसे पौधों में डाला।

गुयानों वाले गांजे का साइड इफेक्ट
पहला केस: इनमें से एक 59 साल के शख्स को एम्फाइसेमा नामक बीमारी थी। यह बीमारी आम तौर पर फेफड़ों में होती है। इसके बावजूद इस शख्स ने तंबाकू और गुयानो वाले गांजे का सेवन किया। इसके बाद शख्स को सांस लेने में कठिनाई होने लगी। उसने करीब 6 हफ्तों तक सांस लेने में तकलीफ का अनुभव किया। धीरे-धीरे उसके गले में खराश, वजन कम होने की शिकायत भी होने लगी। गले में लाल रंग के छोटे छोटे घाव हो गए। शुरुआत में डॉक्टरों को लगा कि यह कैंसर का संक्रमण है, पर बाद में पता चला कि चमगादड़ की बीट में पाए जाने वाले फंगस की वजह से ये घाव हुए हैं। डॉक्टरों ने उसे कई एंटीफंगल दवाएं दी लेकिन इसके बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।

दूसरा केस: दूसरे रोगी में भी गुयानों वाले गांजे के सेवन के खतरनाक साइड इफेक्ट पाए गए। इस शख्स को भी दिल और फेफड़ों से जुड़ी शिकायतें थीं। गुयानो गांजा का सेवन करने के बाद इस शख्स को गले में खरास और तेज खांसी होने लगी। वजन करीब 35 पाउंड तक घट गया। संक्रमण फेफडों के साथ ही छाती, एड्रिनल ग्लैंड और पैंक्रियास तक फैल गया। इसके साथ ही डाइजेस्टिव सिस्टम भी संक्रमित हो गया। नतीजा ये हुआ कि ब्लड सर्कुलेशन रुकने की वजह से आंत पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए। आखिरकार ये शख्स भी डॉक्टरों की कोशिश के बावजूद मर गया।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि गुयानो जैसे पदार्थों का इस्तेमाल बेहद खतरनाक हो सकता है। इसका सेवन न केवल फेफड़ों बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के प्रयोगों से बचें। यह मामला सिर्फ न्यूयॉर्क तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में इसे सबक के तौर पर देखा जाना चाहिए।

Alisha Rana

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