अरबपति एलन मस्क की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनपर धोखाधड़ी का आरोप लगा है. केस भी दर्ज कराया गया है. पूरा मामला ट्विटर को लेकर है. आरोप है कि मस्क ट्विटर में अपनी बढ़ती हिस्सेदारी को लेकर लंबे समय तक छिपाकर इसके शेयरहोल्डर्स से 15 करोड़ डॉलर की धोखाधड़ी की, जबकि वह अधिग्रहण की तैयारी कर रहे थे.
अमेरिका के सेक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अरबपति एलन मस्क के खिलाफ केस किया है. आयोग ने कहा है कि मस्क ट्विटर में अपनी बढ़ती हिस्सेदारी को लेकर लंबे समय तक छिपाकर इसके शेयरहोल्डर्स से 15 करोड़ डॉलर की धोखाधड़ी की, जबकि वह अधिग्रहण की तैयारी कर रहे थे.
SEC का आरोप है, मस्क शेयरों के लिए कम से कम 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर से कम भुगतान करने में सक्षम थे, जबकि उन्हें ट्विटर के 5 प्रतिशत से अधिक शेयरों के अपने स्वामित्व का खुलासा करना चाहिए था. मस्क ने अक्टूबर, 2022 में ट्विटर खरीदा था और बाद में उसका नाम एक्स कर दिया था.
अप्रैल 2022 तक करना था खुलासा
मस्क के पास मार्च 2022 तक ट्विटर का 5 प्रतिशत से अधिक का स्वामित्व था. शिकायत में कहा गया है कि कानून के अनुसार उन्हें अपने स्वामित्व का खुलासा करना आवश्यक था, लेकिन रिपोर्ट आने के 11 दिन बाद 4 अप्रैल तक वह ऐसा करने में विफल रहे. अप्रैल 2022 में मस्क ने ट्विटर के अधिग्रहण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था. लेकिन बाद में उन्होंने इससे पीछे हटने की कोशिश की, जिसके कारण कंपनी ने उन पर अधिग्रहण के लिए मजबूर करने के लिए मुकदमा दायर किया.
शिकायत में SEC ने क्या कहा?
शिकायत में कहा गया कि मस्क ने 2022 की शुरुआत में ट्विटर के शेयर को जमा करना शुरू किया और उस साल मार्च तक उनके पास पांच प्रतिशत से ज्यादा शेयर हो गए. शिकायत में कहा गया है कि उस समय उनके लिए कानून के तहत अपने स्वामित्व का खुलासा करना जरूरी था, लेकिन रिपोर्ट आने के 11 दिन बाद यानी चार अप्रैल तक उन्होंने ऐसा नहीं किया. अप्रैल 2022 में ट्विटर का अधिग्रहण करने के लिए मस्क ने एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, इससे पीछे हटने की कोशिश की, जिसके कारण कंपनी ने उन पर अधिग्रहण के लिए दबाव बनाने के वास्ते मुकदमा दायर किया.
एसईसी ने कहा है कि अप्रैल 2022 में उसने इस बात की जांच की स्वीकृति दी कि क्या मस्क द्वारा ट्विटर के शेयर की खरीद और कंपनी से संबंधित उनके बयानों तथा एसईसी को दी गई जानकारी के संबंध में किसी भी प्रतिभूति कानून का उल्लंघन हुआ था.