विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के हितों के मुद्दों पर चर्चा की. मिस्री भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने के लिए चीनी अधिकारियों से बातचीत के लिए दो दिन की यात्रा पर हैं. मिस्री के साथ अपनी बैठक में वांग ने कहा कि पिछले साल रूस के कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक के बाद से चीन-भारत के संबंधों में काफी सुधार आया है.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात कर द्विपक्षीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की. मिस्री भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने के लिए चीनी अधिकारियों से बातचीत के लिए दो दिवसीय यात्रा पर हैं. विदेश मंत्री होने के अलावा, वांग सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के शक्तिशाली राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और भारत-चीन बार्डर सिस्टम के लिए चीन के विशेष प्रतिनिधि हैं. उसी तरह जिस तरह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भारतीय पक्ष के विशेष प्रतिनिधि हैं.
मिस्री की चीन यात्रा पिछले महीने विशेष प्रतिनिधि तंत्र के तहत वांग और डोभाल के बीच हुई बातचीत के बाद हुई है. मिस्री के साथ अपनी बैठक में वांग ने कहा कि पिछले साल रूस के कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक के बाद से दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को गंभीरता से लागू किया है, सभी स्तरों पर सक्रिय बातचीत की गई है. चीन-भारत संबंधों को बेहतर बनाने की प्रक्रिया को और तेज किया गया है.
क्या बोले चीनी विदेश मंत्री?
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों का सुधार और विकास दोनों देशों और उनके नागरिकों के हित में है. साथ ही, यह वैश्विक दक्षिणी देशों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करने में सहायक होगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के अच्छे संबंध एशिया और दुनिया की दो प्राचीन सभ्यताओं के शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि में योगदान देंगे. इस बैठक में वांग ने दोनों देशों के बीच आपसी सहमति के आधार पर और अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
इन नेताओं से भी की मुलाकात
बीजिंग पहुंचने के बाद, विक्रम मिस्री ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख लियू जियानचाओ से भी मुलाकात की. दोनों पक्षों ने नेताओं के बीच बनी सहमतियों को लागू करने, संवाद को मजबूत करने और भारत-चीन संबंधों में स्थिरता और सुधार को बढ़ावा देने के मुद्दों पर चर्चा की. इसके अलावा, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया. मिस्री का दौरा चीन के वसंत त्योहार और चीनी नववर्ष से पहले हो रहा है, जो 29 जनवरी से शुरू होकर एक सप्ताह तक मनाया जाएगा.