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युद्ध जीत रहा इज़रायल, लेकिन हार रहा अपनी अनमोल धरोहर-डेड सी

कभी दुनिया भर से पर्यटकों को लुभाने वाला इज़रायल का मशहूर एन गेडी बीच, जहां लोग डेड सी के खारे पानी में बिना डूबे तैरने का अनोखा अनुभव लेते थे, अब वीरान पड़ा है. जलवायु परिवर्तन, औद्योगिक लालच और पानी के बेलगाम दोहन ने इसे इस कगार पर ला खड़ा किया है कि अब यहां विशाल गड्ढे बन चुके हैं.

गाजा में लड़ाई जारी है, और इज़राइल खुद को विजेता के रूप में पेश कर रहा है. लेकिन एक और युद्ध है, जो वो अपनी ही धरती पर हार रहा है—डेड सी को बचाने की जंग. कभी दुनिया भर के सैलानियों के लिए अजूबा रहा यह खारा समुद्र अब सिकुड़ता जा रहा है.

जलवायु परिवर्तन, औद्योगिक लालच और पानी के बेलगाम दोहन ने इसे इस कगार पर ला खड़ा किया है कि जहां कभी लोग लहरों पर तैरने का लुत्फ उठाते थे, वहां अब धरती में विशाल गड्ढे (सिंकहोल्स) बन चुके हैं. डेड सी, जॉर्डन और इज़राइल के बीच स्थित एक खारा समुद्र है. यह पृथ्वी का सबसे निचला जल निकाय है.

पांच सालों से बंद पड़ा है
एन गेडी बीच बीते पांच सालों से बंद पड़ा है. वजह सिर्फ ये नहीं कि समुद्र का जल स्तर तेजी से घट रहा है, बल्कि ये भी कि सिंकहोल्स इसे बेहद खतरनाक बना चुके हैं. डेड सी की ये दुर्दशा कोई नई नहीं है. इज़राइल, जॉर्डन और फिलिस्तीनी सीमा से सटा ये समुद्र कई सालों से इसी हाल में है. लेकिन अब, जब पूरा मध्य पूर्व युद्ध की आग में जल रहा है, तो इस पर्यावरणीय त्रासदी को रोकने की उम्मीदें भी धुंधली पड़ती जा रही हैं.

डेड सी की ये हालत कैसे हुई?
भीषण गर्मी, जलवायु परिवर्तन और दशकों से जारी जल दोहन की वजह से डेड सी का पानी तेजी से गायब हो रहा है. यहां गर्मियों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, लेकिन असली चोट इंसानों ने पहुंचाई है. जॉर्डन नदी और लेबनान-सिरिया से आने वाली सहायक नदियों से पानी खींच लिया गया है, तो वहीं स्थानीय फैक्ट्रियां भी खनिज निकालने के लिए इसकी जलराशि को लगातार कम कर रही हैं.

पोटाश, ब्रोमिन, सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशिया और मैग्नीशियम जैसी बेशकीमती धातुएं वैश्विक बाजारों में बेची जा रही हैं. जानकारों का कहना है कि डेड सी का सिकुड़ना इजराइल के पर्यटन उद्योग के लिए भी एक बड़ा झटका है. अब सिर्फ़ कृत्रिम वाष्पीकरण तालाबों के आसपास ही इजरायली रिसॉर्ट बचे हैं, असली डेड सी अब सैलानियों से दूर हो गया है.

मिलकर बचाना होगा डेड सी!
डेड सी संकट को हल करने के लिए पहले भी कई कोशिशें हुई हैं, जिनमें इज़राइल और जॉर्डन के बीच हुए समझौते भी शामिल हैं. लेकिन गाजा और दूसरी जगहों पर जारी युद्धों ने क्षेत्रीय तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है. ऐसे में सीमापार के पर्यावरणीय मुद्दे सरकारों की प्राथमिकता सूची में पीछे छूट गए हैं.

इज़राइल के पर्यावरण मंत्रालय में लंबे समय से इस मसले पर काम कर रहे ओहाद कार्नी का कहना है कि सरकार कई संभावित समाधानों पर विचार कर रही है. इनमें एक डीसैलीनेशन प्लांट (समुद्री जल को पीने योग्य बनाने का संयंत्र) स्थापित करना और उत्तर या दक्षिण से एक नहर बनाना शामिल है, जिससे न केवल डेड सी बल्कि पूरे क्षेत्र की पानी की समस्या का समाधान हो सके.

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