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केरल को मिल सकता है परमाणु ऊर्जा केंद्र, मनोहर खट्टर ने की ऊर्जा मंत्री से मुलाकात

केरल की हालिया ऊर्जा मांग 4260 मेगावाट है, लेकिन राज्य को 2030 तक इसके 10 हजार मेगावाट होने की उम्मीद है. इसके लिए केरल ने केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मांगी है ताकि प्रदेश के पावर इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जा सके.

केरल में परमाणु ऊर्जा केंद्र बनाने को लेकर विचार किया जा रहा है, जिसको लेकर में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य ऊर्जा मंत्री के कृष्णकुट्टी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की है. खबरों के मुताबिक बातचीत के दौरान केरल में परमाणु ऊर्जा केंद्र बनाने को लेकर सुझाव दिया गया है.

इसके अलावा बैठक में केरल की बिजली मांग पर चर्चा की गई, जिसमें राज्य में थोरियम जमा का इस्तेमाल करने और उससे बनने वाली बिजली को केरल को देने की बात की गई है. हालांकि इसके लिए केरल सरकार को जमीन उपलब्ध करानी होगी.

केरल में बिजली की मांग
केरल की हालिया ऊर्जा मांग 4260 मेगावाट है, लेकिन राज्य को 2030 तक इसके 10 हजार मेगावाट होने की उम्मीद है. इसके लिए केरल ने केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मांगी है ताकि प्रदेश के पावर इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जा सके.

बैठक के बात केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि यदि केरल सरकार जमीन मुहैया कराती है, तो केंद्र सरकार राज्य में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए तैयार है. हालांकि, इस पर अभी फाइनल फैसला नहीं लिया गया है, क्योंकि इसमें कई एजेंसियों की ओर से बड़े पैमाने पर रिसर्च और निरीक्षण शामिल है.

अंडरग्राउंड तारों की मांग
केरल ने केंद्रीय मंत्री के सामने तिरुवनंतपुरम, कोच्चि और कोझिकोड में सभी ओवरहेड बिजली केबलों को अंडरग्राउंड में बदलने की मांग रखी है. केरल अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं पर लागत का बोझ डालने से बचने के लिए इसकी जरूरत है.

इसके अलावा केरल के मंत्री कृष्णकुट्टी ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात में तलचर पावर प्लांट से प्रदेश को 180 मेगावाट की बजाय 400 मेगावाट बिजली देने की मांग रखी. केरल ने पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन के हाई वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने और इसका खर्च सभी राज्यों से लेने की भी मांग की है.

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