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बजट सत्र में महाकुंभ हादसे पर होगी चर्चा, सर्वदलीय बैठक में उठा मुद्दा

संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है. इससे पहले आज हुई सर्वदलीय बैठक में महाकुंभ हादसे और अव्यवस्था का मामला उठा. विपक्ष की मांग है कि इस पर संसद में चर्चा हो. विपक्ष का आरोप है कि राजनीतिक पर्यटन और वीवीआईपी व्यवस्था हादसे की वजह है.

संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है. इससे पहले सर्वदलीय बैठक हुई. इसमें 36 दलों के 52 नेताओं ने हिस्सा लिया. बैठक में विपक्षी दलों ने प्रयागराज महाकुंभ हादसे और अव्यवस्था का मामला उठाया. विपक्ष ने इस पर संसद में चर्चा की मांग की. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में विपक्ष ने आरोप लगाया कि महाकुंभ हादसे की वजह राजनीतिक पर्यटन और वीवीआईपी व्यवस्था है. इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि ये राज्य सरकार का मामला है. राज्य इसे देख रहा है.

समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, राजनीतिक पर्यटन की वजह से महाकुंभ में हादसा हुआ है. सरकार न तो हादसे में मरने वालों का सही आंकड़ा बता रही है और न ही उनके नाम. किसी भी धर्मग्रंथ में महाकुंभ नहीं लिखा, हर जगह कुंभ ही लिखा है और अमृत स्नान भी पहली बार ही सुना है. कल अमृत स्नान करा रहे थे और अमर कर दिया, लोगों को मार दिया. जज को नहीं जाने दे रहे थे, बीजेपी के झंडे लगी गाड़ियों को जाने दिया, इसलिये से सब हुआ. इस मुद्दे पर संसद में चर्चा हो. रामगोपाल ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता कर रहे राजनाथ सिंह ने इस पर कुछ नहीं कहा.

कुंभ का ऐसा घटिया राजनीतिक इस्तेमाल नहीं देखा
कांग्रेस ने भी बैठक में कुंभ हादसे का मामला उठाते हुए संसद में चर्चा की मांग की. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, कुंभ का कभी ऐसा घटिया राजनीतिक इस्तेमाल नहीं देखा. वीवीआईपी के नाम पर अरैल घाट पहले होता था, संगम आम लोगों के लिए होता था. सिर्फ बीजेपी के वीवीआईपी के लिए पूरी व्यवस्था थी. आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी कहा कि इस बार कुंभ में धर्म और धर्मांधता का फर्क मिट गया. सरकार का पूरा ध्यान पब्लिसिटी पर था. बीजेडी ने भी कहा कि कुंभ की अव्यवस्था के मुद्दे पर संसद में वो विपक्षी दलों का साथ देगी.

इस मामले में सरकार की ओर से कहा गया है कि वो संसद में हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है पर किस मुद्दे पर चर्चा होगी और कितने घंटे होगी ये सदन की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय होगा. संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि बजट सत्र के पहले पार्ट में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा और बजट समेत जरूरी संवैधानिक दायित्व होते हैं, जिसके बाद समय नहीं बचता है. ऐसे में कार्यमंत्रणा समिति तय करेगी कि किस मुद्दे पर चर्चा होगी और कब. जो बहुत अर्जेंट मुद्दे हों तो बीएसी में चर्चा करके तय करेंगे.

एक देश एक चुनाव पर बनी जेपीसी का समय बढ़ाया जाए
उधर, सरकार की सहयोगी जेडीयू ने बैठक में एक देश एक चुनाव पर बनी जेपीसी का समय बढ़ाने की मांग की. साथ ही सदन में एआई पर चर्चा की भी मांग की. वक्फ पर बनी जेपीसी के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाते हुए विपक्षी दलों ने संविधान, आर्थिक स्थिति, रोजगार, मणिपुर और रुपये के गिरती कीमत जैसे मुद्दे भी बैठक में उठाकर संसद सत्र में चर्चा की मांग की.

बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी. उसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश होगा. आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. 5 फरवरी को दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते संसद की कार्यवाही नहीं होगी. बजट सत्र के लिए सरकार ने सोलह बिलों की सूची तैयार की है, जिसमें वक्फ संशोधन बिल, इमीग्रेशन और फ़ॉरेनर्स बिल समेत वित्तीय मामलों से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिल भी शामिल हैं.

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