Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जहां एक तरफ जातिगत समीकरण बिठाए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ सत्ताधारी और मुख्य विपक्षी गठबंधन रेवड़ी वॉर की तैयारियों में जुटे हैं।
चुनाव तारीखों की घोषणा से कुछ समय पहले तक सत्ताधारी महायुति गठबंधन ने जहां एक से बढ़कर एक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की तो अब चुनावी घोषणापत्र के माध्यम से महा विकास अघाड़ी (MVA) उसका जवाब देने की तैयारी में है।
महाराष्ट्र में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन ने जहां वोटों के जुगाड़ वाली चुनावी रेवड़ियों पर अमल भी किया है और अपने घोषणापत्र में उसका दायरा बढ़ाने की भी तैयारी में हैं। वहीं विपक्षी एमवीए भी अपनी ओर से मतदाताओं को एक से बढ़कर एक रेवड़ी का ऑफर देने का प्लान तैयार कर रहा है।
महिला, युवा, किसान, मराठी और मराठा पर एमवीए का फोकस
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एससीपी) एक साझा घोषणापत्र तैयार कर रही है, जिसमें महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए वादों की झरी लगने की संभावना है। इनके अलावा यह गठबंधन मराठा और मराठी जैसे भावनात्मक मुद्दों को भुनाने की भी कोशिशों में जुटा हुआ है।
यह गठबंधन जहां मराठा आरक्षण वाले मुद्दे को जीवित रखने की योजना पर काम कर रहा है तो कुछ औद्योगिक परियोजनाओं और उससे जुड़े निवेश महाराष्ट्र से गुजरात शिफ्ट होने को मराठी भावना से जोड़कर सत्ताधारी गठबंधन के खिलाफ माहौल बनाने की तैयारी चल रही है।
कर्नाटक की तरह महाराष्ट्र में भी पांच चुनावी गारंटियों की तैयारी!
जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में एमवीए कर्नाटक में कांग्रेस की पांच गारंटियों की तरह का ही ऑफर मतदाताओं के सामने पेश कर सकता है। इनमें प्रदेश की महिलाओं को हर महीने कम से कम 2,000 रुपए देने का वादा शामिल हो सकता है। महायुति सरकार ने लाडकी बहिन योजना के तहत महिलाओं को 1,500 रुपए हर महीने देने शुरू किए हैं, एमवीए में उसकी काट निकाली जा रही है।
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के घोषणापत्र तैयार करने में जुटे एक एमवीए नेता ने कहा है, ‘मासिक भुगतान का हमारा वादा 2,000 रुपए होनी चाहिए या 2,500 रुपए इसपर अभी भी बात हो रही है। अनुमानों के मुताबिक (महिलाओं को) 2,000 रुपए के मासिक भुगतान से सरकारी खजाने पर करीब 60,000 रुपए महीने का भार पड़ेगा।’
फ्री बस सेवा, मुफ्त बिजली, मन-मुताबिक दाम!
इसके अलावा विपक्षी गठबंधन राज्य सरकार की बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने का भी वादा करने की तैयारी कर रहा है, जो कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का एक बड़ा कारण माना गया था। इसी तरह से किसानों को मुफ्त बिजली, ऋण माफी के साथ-साथ कुछ उत्पादों को राज्य सरकार की ओर से खरीद में खास कीमतें देने का वादा भी शामिल किए जाने की तैयारी चल रही है।
युवाओं से बेरोजगारी भत्ते का किया जा सकता है वादा
वहीं शिक्षित बेरोजगारों को भी मासिक भत्ता देने का वादा किए जाने की संभावना है और साथ ही साथ ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध करवाने की भी बात सामने रखी जा सकती है।
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर दोहरी रणनीति अपनाने की कोशिश
एमवीए के नेताओं को पता है कि मराठाओं को ओबीसी का दर्जा देने वाली मांग राजनीतिक रूप से अब काफी संवेदनशील हो चुकी है और ओबीसी समुदाय उसके विरोध में भी उतर आया है। इसलिए इसपर यह गठबंधन दो तरह की रणनीति अपनाने पर मंथन कर रहा है।
एक तरफ तो महा विकास अघाड़ी महायुति सरकार पर आंदोलनकारियों की मांगें नहीं मानने का आरोप लगा रहा है और इसे अदालती मुद्दा बना देने की बात कह रहा है।
वहीं दूसरी तरफ वह वो यह बताने की कोशिश करेगा कि कैसे पृत्थवीराज चव्हाण की अगुवाई वाली पूर्व की कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने राज्य सरकार की नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में मराठाओं को 16% का विशेष कोटा सुनिश्चित किया था, जो बाद में अदालत में अटक गया और इसके लिए भी बाद की देवेंद्र फडणवीस सरकार पर दोष डाल देगा।