इसके अलावा, इस वर्ष की शुरुआत में जारी किए गए मानदंडों के अनुसार, यदि विमान में चढ़ने के बाद उड़ान के संचालन में लंबी देरी होती है, तो यात्रियों को हवाई अड्डे के प्रस्थान द्वार के माध्यम से विमान से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।
नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने बुधवार को कोहरे की तैयारियों पर विभिन्न हितधारकों के साथ समीक्षा बैठक की और एयरलाइनों से कहा कि वे यात्रियों को उड़ान में देरी के बारे में पहले से सूचित करें तथा यह सुनिश्चित करें कि चेक-इन काउंटरों पर पर्याप्त कर्मचारी हों, ताकि यात्रा में व्यवधान को कम करने में मदद मिल सके।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने लिया जायजा
इसके अलावा, इस वर्ष की शुरुआत में जारी किए गए मानदंडों के अनुसार, यदि विमान में चढ़ने के बाद उड़ान के संचालन में लंबी देरी होती है, तो यात्रियों को हवाई अड्डे के प्रस्थान द्वार के माध्यम से विमान से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, “इस शीतकाल में दृश्यता संबंधी चुनौतियों के प्रबंधन की तैयारियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं तथा बाधाओं को दूर करने में अच्छी प्रगति हुई है।”
बैठक में नागरिक विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनम, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय), बीसीएएस (नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो), भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), दिल्ली हवाई अड्डा परिचालक डायल और एयरलाइन प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
15 उड़ानें डायवर्ट की गईं
एयरलाइनों को निर्देश दिया गया है कि वे “दृश्यता संबंधी समस्याओं के कारण संभावित देरी/रद्दीकरण के बारे में यात्रियों से सक्रिय रूप से संवाद करें तथा यह सुनिश्चित करें कि टिकट बुकिंग के दौरान यात्रियों की सही संपर्क जानकारी दर्ज की जाए।”
विज्ञप्ति में कहा गया है, “यदि देरी तीन घंटे से अधिक हो तो उड़ान रद्द करनी होगी।”
सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में खराब मौसम के कारण कम से कम 15 उड़ानों का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा तथा दृश्यता बहुत खराब होने के कारण 100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई।
आमतौर पर कोहरे का मौसम दिसंबर के शुरू में शुरू होता है।
विज्ञप्ति के अनुसार, एयरलाइनों ने पुष्टि की है कि वे दिल्ली और अन्य हवाई अड्डों, जो कोहरे से प्रभावित हो सकते हैं, के लिए CAT II/III अनुरूप विमानों और पायलटों की तैनाती के संबंध में DGCA के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।
दिल्ली हवाई अड्डे, जो देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा भी है, के चार रनवे में से तीन में कैट III आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) है, जो कम दृश्यता स्तर पर उड़ान संचालन की अनुमति देगा।
कैट II/III अनुपालन से पायलटों को कम दृश्यता की स्थिति में भी विमान संचालित करने की अनुमति मिलेगी।
विज्ञप्ति के अनुसार, बीसीएएस परिपत्र मौसम या तकनीकी देरी के कारण विमान के अंदर फंसे यात्रियों को सुचारू रूप से पुनः प्रवेश की अनुमति देता है, जिससे असुविधा कम हो जाती है और उड़ानें फिर से शुरू होने पर आसानी से पुनः विमान में चढ़ने में सुविधा होती है।
DIAL द्वारा उठाए गए सक्रिय कदम
इसमें कहा गया है, “संबंधित हितधारकों द्वारा इसका अभ्यास भी किया जा रहा है।”
उड़ान में देरी और रद्द होने के समय यात्रियों की उचित सुविधा प्राथमिकता है। बैठक में मंत्री ने कहा कि एयरलाइनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए हवाई अड्डों पर सभी चेक-इन काउंटरों पर पूरी तरह से कर्मचारी मौजूद हों।
दिल्ली हवाई अड्डा संचालक डायल (दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड) को यात्रियों को दृश्यता की स्थिति के बारे में वास्तविक समय पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा, कम दृश्यता की स्थिति में विमानों को मार्गदर्शन देने के लिए ‘फॉलो मी’ वाहनों की उपलब्धता बढ़ाने को भी कहा गया है।
यात्री-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने पर जोर देते हुए नायडू ने निर्बाध परिचालन सुनिश्चित करने के लिए हवाई यातायात नियंत्रकों (एटीसी), एयरलाइनों, ग्राउंड हैंडलरों और हवाई अड्डा संचालकों के बीच वास्तविक समय समन्वय के महत्व का उल्लेख किया।