रामलखन यादव के घर में नोटों को गिनने के लिए मशीन लगाई गई थी. इसका वीडियो सामने आया है. इसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि नोटों का बंडल रखा हुआ है. जिससे कर्मचारी एक-एक करके गिड्डियों को नोट गिनने वाली मशीन में डाल रहे हैं और गिनती की जा रही है.
झारखंड सरकार के ऊर्जा विकास निगम के 109 करोड रुपये की अवैध निकासी मामले में झारखंड एटीएस और सीआईडी की संयुक्त टीम के द्वारा जांच की जा रही है. इसी कड़ी में झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में गठित एसआईटी टीम ने शुक्रवार को रांची में छापेमारी की थी. इसी क्रम में रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत नया बस्ती कडरू नियर काठ पुल के पास रहने वाले राम लखन यादव के पास से 60 लIख रुपये नगद बरामद किए गए हैं.
एसआईटी ने पूर्व में गिरफ्तार लोकेश्वर साहू की निशानदेही पर विभिन्न बैंक खातों में जमा 76 लाख रुपये भी फ्रीज किए हैं. बिहार के सीवान जिले के बसंतपुर थाना के बड़कागांव के रहने वाले श्रवण कुमार शर्मा को 16 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. उसके द्वारा अपराध में प्रतिनियुक्त मोबाइल और सिम को बरामद किए गए. SIT टीम इनकी जांच कर रही है. इस मामले में दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनसे पुलिस पूछताछ कर रही है.
बता दें कि झारखंड सरकार के उपक्रम झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के खाते से लगभग 109 करोड रुपये का अवैध रूप निकास कर गबन किया गया था. जिसे लेकर झारखंड एटीएस और सीआईडी की टीम संयुक्त रूप से जांच कर रही है. इस मामले में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें जीटीडीसी के तत्कालीन लेखपाल सह कैशियर गिरिजा प्रसाद सिंह, केनरा बैंक हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, लोकेश्वर साहू और रुद्र सिंह जिन्हें साजिशकर्ता बताया गया है. इसके साथ ही रांची के बिरसा चौक स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक लोलस लकड़ा और इलाहाबाद बैंक के अमर कुमार शामिल हैं. इन लोगों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है. अब तक एसआईटी टीम ने लगभग 350 बैंक खातों में जमा 47.20 करोड़ रूपयों को फ्रिज कराया है. जबकि इस केस में 1.84 करोड़ नकद बरामद किया है. लगभग 17 लाख रुपये के गाहने भी बरामद किए हैं.
एसआईटी टीम को जांच में यह भी पता चला है कि झारखंड सरकार के ऊर्जा विकास निगम के 109 करोड रुपये की अवैध निकासी मामले का मुख्य मास्टरमाइंड पश्चिम बंगाल के कोलकाता का रहने वाला है. इस मास्टरमाइंड ने अपने सहयोगियों और बैंक कर्मियों और कुछ सरकारी कर्मियों की मदद से इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है. झारखंड सरकार के ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के 109 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के लिए 1000 से ज्यादा बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया था.
फिलहाल इस पूरे मामले के खुलासे के बाद झारखंड एटीएस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. इसके लिए एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया. गठित एसआईटी टीम ने अब तक इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि 1.83 करोड़ नकद रुपया बरामद किया है. वहीं 350 बैंक खातों में जमा 47 करोड़ 20 लाख रुपये फ्रीज किए हैं. जबकि लगभग 17 लाख रुपये मूल्य के गहने भी बरामद हुए.