Indian Navy: भारतीय नौसेना खुद को तेजी से आधुनिक बना रही है. इस समय भारतीय नौसेना के 50 युद्धपोत निर्माणाधीन हैं और अगले 12 महीनों में लगभग हर महीने एक युद्धपोत भारतीय नौसेना में शामिल होगा.
चीन और पाकिस्तान की नींदें उड़ने वाली हैं, क्योंकि ऐसा युद्धपोत भारतीय नौसेना का हिस्सा बनने जा रहा हैं. जो दुश्मन देशों की नींद उड़ा देगा. साथ ही हमला करने के लिए नेवी की वॉरशिप में 8 ब्रह्मोस मिसाइल लगने वाली हैं. इसमें हवाई हमलों से बचने के लिए 32 मिसाइलें लगाई जाएंगी. इंडियन नेवी के लिए बनने वाले पहले अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस युद्धपोत अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत (NGMV) का निर्माण कोचिन शिपयार्ड में स्टील कटिंग समारोह से शुरू हो गया है.
भारतीय नौसेना को ऐसे 6 युद्धपोत मिलने हैं जो 2027 से नौसेना में शामिल होना शुरू हो जाएंगे. इन जहाजों को हाई स्पीड युद्धपोत के रूप में तैयार किया जा रहा है, जिसमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल सिस्टम, एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम, एयर सर्विलांस और फायर कंट्रोल रडार के साथ एक एडवांस हथियार और सेंसर सिस्टम लगाया जाएगा.
सबसे अधिक हथियारों और सेंसरों से लैस
ये युद्धपोत सबसे अच्छे हथियारों और सेंसर्स से लैस होंगे, जिससे नौसेना की युद्ध क्षमता को बढ़ावा मिलेगा. ये सभी युद्धपोत ते रफ्तार के होंगे, दुश्मन के युद्धपोत या जमीनी ठिकाने पर हमला करने वाली मिसाइलों से लैस होंगे. इनमें एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के साथ-साथ हवाई हमलों की टोह लेने के सिस्टम भी होंगे.
ये युद्धपोत 35 नॉट तक की रफ्तार पर पहुंचने में सक्षम होंगे और इनमें 93 नौ-सैनिकों को तैनात भी किया जा सकेगा. हमला करने के लिए इसमें 8 ब्रह्मोस लगाई जा सकेंगी. हवाई हमले से सुरक्षा के लिए इनमें 32 मिसाइलें लगाने की जगह होगी.
तेजी से आधुनिक बन रही भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना खुद को तेजी से आधुनिक बना रही है. इस समय भारतीय नौसेना के 50 युद्धपोत निर्माणाधीन हैं और अगले 12 महीनों में लगभग हर महीने एक युद्धपोत भारतीय नौसेना में शामिल होगा.
इन युद्धपोतों के निर्माण का काम 16 दिसंबर को यानी विजय दिवस पर आरंभ हुआ है जो 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस युद्ध में उल्लेखनीय कार्रवाई भारतीय नौसेना का कराची बंदरगाह पर हमला था जिसने पाकिस्तान की नौसेना की कमर तोड़ दी थी.