सुभाष चंद्र बोस जयंती: PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि, अन्य नेताओं ने भी किया सम्मान

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Subhash Chandra Bose Jayanti: पीएम मोदी ने गुरुवार(23 जनवरी) को सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि। साथ ही अमित शाह और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने भी सुभाष चंद्र बोस को याद किया। जानें कैसे याद किए गए नेताजी।

Subhash Chandra Bose Jayanti: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में कई बड़े नेता शामिल हुए। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे। इस मौके पर बच्चों को भी खास तौर से सेंट्रल हॉल में आमंत्रित किया गया था। आइए, जानते हैं देश भर के नेताओं ने कैसे किया नेताजी को याद।

बच्चों से मिले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों से बातचीत की और उनके साथ मिलकर ‘जय हिंद’ के नारे लगाए। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान अद्वितीय है। उनका साहस और धैर्य हमें प्रेरित करता है। हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने नेताजी को भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महानायक बताया। सीएम योगी ने कहा, “नेताजी हर भारतीय के लिए सम्मान का प्रतीक हैं। 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नेताजी द्वारा दिया गया नारा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ देश के युवाओं के लिए एक मंत्र बन गया था।”

अमित शाह और राहुल गांधी ने भी दी श्रद्धांजलि
गृह मंत्री शाह और राहुल गांधी ने भी किया नेताजी को याद किया। अमित शाह ने कहा, नेताजी अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और निर्भीकता के प्रतीक थे।राहुल गांधी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राहुल गांधी ने नेताजी की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका को याद करते हुए कहा कि उनकी दृष्टि और साहस ने भारतीयों को एकजुट किया और देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।

आईसीएस की परीक्षा में हासिल किया था चौथा रैंक
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ। वे मेधावी छात्र थे और प्रेसिडेंसी कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इंग्लैंड गए। वहां उन्होंने आईसीएस की परीक्षा दी और चौथा स्थान प्राप्त किया। 1943 में नेताजी ने सिंगापुर में आजाद हिंद फौज की कमान संभाली। उन्होंने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “चलो दिल्ली। मैं तुम्हें सिर्फ भूख, प्यास और मुश्किलें दे सकता हूं, लेकिन अंत में जीत हमारी होगी।” उनकी यह ललकार आज भी लोगों में जोश भर देती है।

नेताजी की मौत का रहस्य अभी तक बरकरार
18 अगस्त 1945 को नेताजी मंचूरिया की ओर उड़ान भरते समय एक विमान हादसे का शिकार हो गए। टोक्यो रेडियो ने बताया कि प्लेन क्रैश में नेताजी गंभीर रूप से जल गए थे और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। हालांकि, उनकी मौत को लेकर आज तक संशय बना हुआ है। कई जांच कमेटियों ने इस घटना की पड़ताल की, लेकिन अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सका।

शिवसेना ने की बालासाहेब को भारत रत्न देने की मांग
शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने बालासाहेब ठाकरे की 99वीं जयंती पर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की। राउत ने कहा, “शिंदे और देवेंद्र फडणवीस जैसे लोग सिर्फ ट्विटर पर श्रद्धांजलि देकर पाखंड कर रहे हैं। बालासाहेब ठाकरे को 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस पर भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।” पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि दी।

Alisha Rana

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