जालौर जिले में एक दुर्लभ विदेशी ‘तिलोर’ पक्षी मिला है. इसे सोन चिड़िया भी कहा जाता है. चिड़िया पर अबू धाबी (संयुक्त अरब अमीरात) का टैग लगा हुआ था. ग्रामीणों ने पक्षी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.
राजस्थान के जालौर में एक दुर्लभ प्रजाति की चिड़िया के मिलने से हड़कंप मच गया. बात ही कुछ ऐसी थी. चिड़िया कई दिन से गांव में उड़ रही थी. उसके पैरों पर एक पर्ची लटकी हुई थी. इसी कारण लोगों का ध्यान उस पर गया. गांव वालों ने तुरंत चिड़िया को पकड़ लिया. उसके पैर पर लटकी पर्ची को जब देखा तो सभी के होश उड़ गए. पर्टी में लिखा था ‘अबू धाबी’. गांव वालों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी.
पुलिस ने चिड़िया को लेकर जांच शुरू की. लेकिन इसमें कोई संदिग्ध गतिविधि या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं पाया गया. वन विभाग के अनुसार, दुर्लभ तिलोर पक्षी आरक्षित श्रेणी का पक्षी है. जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण के प्रयास किया जा रहे हैं.
घटना वाड़ाभाड़वी गांव की है. यहां कुछ दिन से गांव के चक्कर काट रही तिलोर चिड़िया को गांव वालों ने पकड़ा. जब उसके पैर पर लटके टैग (अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात) को देखा तो उन्होंने फौरन इसकी सूचना पुलिस को दी. लोग चिड़िया को लेकर तरह-तरह के कयास लगाने लगा. कोई इसे जासूसी से जोड़ने लगा तो कोई शरारत से. पुलिस ने भी बिना देर किए चिड़िया की जांच शुरू की. लेकिन उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला.
वन विभाग ने फिलहाल इस पक्षी को रेस्क्यू सेंटर में अपनी निगरानी में रखा है. जांच के बाद पक्षी को वन विभाग भीनमाल के क्षेत्रीय अधिकारी को सौंप दिया गया था. इसे डॉक्टरी जांच के बाद रेस्क्यू सेंटर में क्वारन्टाइन में रखा गया है. वन विभाग इसे उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई के तहत निगरानी में रखेगा.
वन विभाग अधिकारी डीएफओ देवेंद्र सिंह भाटी ने बताया- तिलोर थार के रेगिस्तान में पाया जाने वाला एक दुर्लभ पक्षी है. जो अब विलुप्ति की कगार पर है. इसके संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय हौबारा संरक्षण कोष अबूधाबी और मोरक्को में कैप्टिव ब्रीडिंग की जाती है. सख्त वन्यजीव संरक्षण नियमों के चलते इन पक्षियों का शिकार प्रतिबंधित है.