मकर संक्रांति पर संगम में डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा आया सामने, करोड़ों की संख्या में लोग पहुंचे

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महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में दोपहर बाद तीन बजे तक करीब ढाई करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. अमृत स्नान की शुरुआत सुबह करीब साढ़े तीन बजे महानिर्वाणी अखाड़े के अमृत स्नान से हुई और सबसे आखिर में निर्मल अखाड़े ने स्नान किया.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति के मौके पर मंगलवार को 2.50 करोड़ से अधिक लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है. इस मौके पर सभी 13 अखाड़ों से जुड़े साधु संतों ने अमृत स्नान किया. मेला प्रशासन ने सुबह तीन बजे से शाम को तीन बजे तक संगम में डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा जारी किया है. इसमें दावा किया है कि इतने समय में करीब 2.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है. वहीं देर शाम तक और 50 लाख श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की संभावना है.

मेला प्रशासन के मुताबिक परंपरा के तहत सबसे पहले अखाड़ों ने अमृत स्नान किया. सबसे पहले सन्यासी अखाड़ों में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साधु अमृत स्नान के लिए निकले. इसके बाद श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु संतों ने हर हर महादेव के नारे लगाते हुए अमृत स्नान करने पहुंचे. अमृत स्नान संपन्न होने के बाद महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर चेतनगिरी ने मीडिया से बात की. उन्होंने बताया कि प्रयागराज में हर 12 साल में पूर्ण कुंभ का आयोजन होता है. वहीं जब 12 पूर्ण कुंभ पूरे होते हैं तो 144 साल बाद महाकुंभ का आयोजन होता है.

सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े ने किया शाही स्नान

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाने का अवसर सौभाग्यशाली लोगों को ही मिल पाता है. इस पवित्र मौके पर महानिर्वाणी अखाड़े से ही 68 महामंडलेश्वर और हजारों की संख्या साधु संतों ने अमृत स्नान किया है. इसी प्रकार अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी की अगुवाई में तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा के साधु संतों ने अमृत स्नान किया. उनके पीछे अखाड़ों के ध्वज और फिर आराध्य देवता कार्तिकेय स्वामी और सूर्य नारायण की पालकी चल रही थी.

नागा सन्यासियोंं के बीच कैलाशानंद गिरी का रथ
वहीं सबसे पीछे नागा सन्यासियों की टोली थी. इनके बीच में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि रथ पर सवार होकर चल रहे थे. इस दौरान अखाड़ा परिषद के के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने बताया कि निरंजनी के 35 महामंडलेश्वरों के अलावा हजारों की संख्या में नागा सन्यासियों ने इस मौके पर अमृत स्नान किया है. इस मौके पर निरंजनी अखाड़े की साध्वी और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी अमृत स्नान किया. मेला प्रशासन के मुताबिक निरंजनी और आनंद अखाड़े के बाद जूना अखाड़ा, आवाहन अखाड़ा और पंचअग्नि अखाड़े के हजारों साधु संतों ने संगम में डुबकी लगाई.

अमृत स्नान के लिए निकले नागा साधु

निर्मल अखाड़े आखिर में किया अमृत स्नान
जूना के साथ ही किन्नर अखाड़े के संतों ने भी अमृत स्नान किया. सन्यासी अखाड़ों के स्नान करने बाद तीन बैरागी अखाड़ों- श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा और श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े के साधु संत स्नान करने पहुंचे. इनके बाद उदासीन अखाड़ों- पंचायती नया उदासीन और पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े के साधु संतों ने स्नान किया. सबसे आखिर में श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के साधु संतों ने डुबकी लगाई.

Alisha Rana

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