भारत में जहां 90 घंटे काम करने पर चर्चा की जा रही थी, इसी बीच ब्रिटेन में कर्मचारियों के वर्क लोड को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. देश में 200 कंपनियों ने कर्मचारियों के लिए 4 डे वर्किंग वीक शुरू करने की स्कीम पर हस्ताक्षर किए हैं. इसी के चलते ब्रिटेन में अब कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन छुट्टी दी जाएगी.
पूरी दुनिया के कई ऑफिस में कर्मचारियों को हफ्ते में 5 दिन या 6 दिन काम करना होता है, लेकिन हाल ही में ब्रिटेन में कुछ कंपनियों ने कर्मचारियों के वर्किंग डेज (Working Days) में बदलाव किया है. जहां एक तरफ हाल ही में भारत में हम इस बारे में बात कर रहे थे कि रविवार को भी कर्मचारियों को काम करना चाहिए या नहीं. वहीं, दूसरी तरफ ब्रिटेन में कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी दी जा रही है.
भारत में जहां हाल ही में L&T कंपनी के चेयरमैन के एक बयान ने नई बहस को जन्म दिया था कि क्या कर्मचारियों को रविवार को भी काम करना चाहिए? L&T कंपनी के चेयरमैन एस एन सुब्रह्मण्यन ने कहा था कि मुझे बड़ा अफसोस है कि मैं अपने स्टाफ से रविवार को काम नहीं करा पाता हूं. कर्मचारियों को रविवार को भी काम करना चाहिए और 90 घंटे काम करना चाहिए.
ब्रिटेन में हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी
भारत की इस तस्वीर से उलट ब्रिटेन में वर्किंग डेज (WORKING DAYS) को कम किया गया है. द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 200 कंपनियों ने कर्मचारियों के लिए 4 दिन काम करने पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसके तहत अब इन 200 कंपनियों में कर्मचारियों को सिर्फ 4 दिन ही काम करना होगा और उन्हें तीन दिन छुट्टी दी जाएगी.
साथ ही 4 दिन वर्किंग वीक शुरू करने में कर्मचारियों की तनख्वाह में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है. इन 200 कंपनियों में 5,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. यह कंपनियां मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी फर्म हैं.
इस कदम से क्या होगा फायदा?
4 दीन वर्किंग वीक की वकालत करने वालों ने कहा कि 5 दिन काम करना पुरानी इकोनोमिक एज में हुआ करता था. फाउंडेशन कैम्पीन के डायरेक्टर, जोई राइल ने कहा, सुबह 9 बजे से 5 बजे तक काम करना और हफ्ते में 5 दिन काम करना 100 साल पहले की उपज है. साथ ही उन्होंने कहा अब यह फीट नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि 4 दिन वर्किंग वीक के चलते कर्मचारियों को 50 प्रतिशत अधिक खाली समय मिलेगा, चार दिन काम करके लोग ज्यादा खुशहाल और संतुष्ट जिंदगी जी सकेंगे. राइल ने कहा, 4 डे वर्किंग वीक कर्मचारियों और कंपनी के मालिक दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है.
200 कंपनियां पहल में हुई शामिल
सबसे पहले देश में 4 डे वर्किंग वीक करने की पहल मार्केटिंग और एडवर्टाइजमेंट और प्रेस संबंधित फर्मों ने की थी. उसके बाद 30 और फर्मों ने इस नीति को अपनाया. इसी के बाद 29 चैरिटी, एनजीओ और सामाजिक देखभाल आधारित संगठनों ने इसको अपनाया फिर 24 टेक्नोलॉजी, आईटी और सॉफ्टवेयर फर्मों ने भी इसको शुरू किया. फिर व्यापार, मेनेजमेंट क्षेत्रों से जुड़ी 22 कंपनियां भी इस में शामिल हुईं और कर्मचारियों को हफ्ते में चार दि काम करने की पेशकश की.
इस 4 डे वर्किंग वीक को स्पोर्ट करने वाले कहते हैं कि हफ्ते में 4 दिन काम करना कर्मचारियों को भी आकर्षित करता है और काम की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाता है. जिसके चलते कम दिनों में लोग ज्यादा काम करेंगे और मेंटल पीस के चलते उनके काम की क्वालिटी भी बढ़ेगी.