उत्तराखंड की 11 नगर निगमों और 100 नगर निकायों पर गुरुवार को हुई वोटिंग के बाद आज फैसले का दिन है. मतगणना स्थल पर काउंटिंग शुरू हो चुकी है. इस चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही था. पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत भी कम रहा है.
उत्तराखंड की 11 नगर निगमों और 100 नगर निकायों में किसके सिर जीत का ताज सजेगा? इसका फैसला आज यानी कि शनिवार को साफ हो जाएगा. इसी परिणाम को लेकर अब मतगणना भी शुरू हो चुकी है. पूरे उत्तराखंड में गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मतदान हुआ और लगभग 66 फीसदी वोट पड़े, जो पिछले चुनाव के मुकाबले बहुत कम है. छिट-पुट घटनाओं को छोड़कर ज्यादातर स्थानों पर मतदान शांतिपूर्ण हुआ है. कुछ लोगों ने मतदाता सूची से अपना नाम गायब होने को लेकर हंगामा किया.
इस चुनाव में प्रदेश भर की 100 शहरी स्थानीय निकायों के की मतगणना शुरू हो चुकी है. जिनमें शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव में कुल 5,405 उम्मीदवार चुनावी रण में थे. इसके अलावा 72 उम्मीदवार मेयर पद के लिए, 445 नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और 4888 नगर पार्षद पद के लिए मैदान में थे. इनकी किस्मत का आज फैसला होगा. इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर है.
उत्तराखंड में 11 नगर निगमों समेत 100 नगर निकायों के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है. इन नगर निगमों और नगर निकायों के लिए 23 जनवरी को मतदान हुआ था. निकाय चुनाव की काउंटिंग शुरू हो गई है, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच काउंटिंग का काम जारी है.
इन नगर निगमों में पहली बार हुए चुनाव
पिछले छह सालों के दौरान राज्य में नगर निगमों की संख्या 11 हो चुकी है. श्रीनगर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ नगर निगमों में पहली बार चुनाव हुए हैं. इससे पहले वे नगर पालिकाएं थीं.
कम हुआ मतदान प्रतिशत
उत्तराखंड के मतदाताओं में आम चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी मतदान का रुझान कम नजर आया है. 2018 निकाय चुनाव के 69.79 से लगभग 4 प्रतिशत गिरावट के साथ इस बार मतदान 65.41 प्रतिशत रहा है. जिलेवार आंकड़े देखें तो केवल अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में ही मतदान बढ़ा है.
सभी जिलों में अलग-अलग जगहों पर मतगणना हो रही है. प्रदेश में 54 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, कुल 6366 कार्मिकाें की तैनाती मतगणना में की गई है.