बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल, एमडी असदुज्जमां ने देश के संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने के लिए कहा है। इसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया कि देश में “90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है।” असदुज्जमां ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है, उनके पदनाम में बदलाव की भी मांग की है।
भारत ने इन दोनों ही कदमों को कट्टरपंथी बांग्लादेश का उदय बताया है। जस्टिस फराह महबूब और देबाशीष रॉय चौधरी के सामने 15वें संशोधन की वैधता पर अदालत में सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें पेश करते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इन बदलावों से “संविधान देश के लोकतांत्रिक और ऐतिहासिक लोकाचार के अनुरूप हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, “पहले, अल्लाह पर लगातार भरोसा और विश्वास था। मैं इसे वैसा ही चाहता हूं जैसा यह पहले था। अनुच्छेद 2A में कहा गया है कि राज्य सभी धर्मों के आचरण में समान अधिकार और समानता सुनिश्चित करेगा। अनुच्छेद 9 ‘बंगाली राष्ट्रवाद’ के बारे में बात करता है। यह विरोधाभासी है।”
शेख मुजीबुर रहमान के नाम से ‘बंगबंधु’ हटाने की मांग
उन्होंने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान को “राष्ट्रपिता” के रूप में लेबल करने सहित कई संशोधन, देश को विभाजित करते हैं और बोलने की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करते हैं। उन्होंने कहा, “शेख मुजीब के योगदान का सम्मान करना जरूरी है, लेकिन इसे कानून के जरिए लागू करना से विभाजन पैदा होता है”।
CNN-News18 ने भारत सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से बताया कि इस तरह के और भी बदलाव होंगे। उन्होंने कहा कि अटॉर्नी जनरल का कदम यूनुस सरकार के अनुरूप था। उन्होंने कहा, “जमात-ए-इस्लामी देश में अपना एजेंडा चला रही है।”
इंटरपोल से शेख हसीना की गिरफ्तारी की मांग
बांग्लादेश में एक स्पेशल ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन इंटरपोल से अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ जन विद्रोह के दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की मौत के मामले में उनकी गिरफ्तारी के लिए नोटिस जारी करने को कहा।
हसीना इस साल 5 अगस्त को अपने करीबी सहयोगियों और पूर्व मंत्रियों के साथ 15 साल के शासन को छोड़ कर भारत भाग गई थीं। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को दक्षिण एशियाई राष्ट्र के अंतरिम नेता के रूप में पदभार संभाला।
इसके बाद में उस न्यायाधिकरण का पुनर्गठन किया जो पाकिस्तान के खिलाफ देश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों को देखता था। यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने हसीना पर मुकदमा चलाने का वादा किया है और कहा है कि वह भारत से उनके प्रत्यर्पण की मांग करेगी।