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Working Hours: टॉप 10 देशों के बीच भारत की क्या है पोजीशन?

Workweek Comparison: इस समय देश में कामकाजी घंटों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस बहस की शुरुआत L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन के इस बयान से हुई कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए।

Debate On Working Hours: लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन चाहते हैं कि कर्मचारी सप्ताह में 90 घंटे काम करें। उन्हें इस बात का भी खेद है कि वे कर्मचारियों से संडे को काम नहीं करवा पाते। हालांकि, कई दिग्गज उद्योगपति L&T के चेयरमैन के विचारों से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि काम के घंटे नहीं बल्कि उसकी क्वालिटी मायने रखती है। इस मुद्दे पर अब बहस छिड़ी हुई है और हर कोई अपने विचार व्यक्त कर रहा है। चलिए जानते हैं कि दुनिया के तमाम देशों का इस मामले में क्या नजरिया है और भारत किस पोजीशन पर आता है।

कहां सबसे ज्यादा हैं घंटे?
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने कुछ वक्त पहले काम के औसत घंटों को लेकर डेटा जारी किया था। 2024 में सबसे ज्यादा कामकाजी घंटों वाले देशों की लिस्ट में भूटान पहले नंबर पर रहा। लगभग 700,000 लोगों की अपेक्षाकृत छोटी आबादी के बावजूद भूटान वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा एवरेज वर्किंग आवर वाला देश है। भूटान में कर्मचारी प्रति सप्ताह औसतन 54.4 घंटे काम करते हैं।

दूसरे नंबर पर UAE
भूटान के बाद, संयुक्त अरब अमीरात और लेसोथो में काम के घंटे सबसे ज्यादा हैं, जो प्रति सप्ताह औसतन क्रमशः 50.9 और 50.4 हैं। लिस्ट में कांगो चौथे स्थान पर है, जहां कर्मचारी प्रति सप्ताह 48.6 घंटे काम करते हैं। सूची में पांचवां स्थान कतर का है, जहां कर्मचारियों को हर सप्ताह 48 घंटे काम करना होता है। इसके इसके बाद, लाइबेरिया (47.7 घंटे), लेबनान (47.6 घंटे) मंगोलिया (47.3 घंटे) और जॉर्डन (47 घंटे) का नंबर आता है।

कहां सबसे कम हैं घंटे?
सबसे कम कामकाजी घंटों के मामले में Vanuatu पहले नंबर पर है। यहां कर्मचारी औसतन प्रति सप्ताह केवल 24.7 घंटे काम करते हैं। इस देश की वर्कफोर्स का मात्र 4% हिस्सा ही प्रति सप्ताह 49 घंटे या उससे अधिक काम करता है, जो विश्वव्यापी लेबर ट्रेंड्स से बिल्कुल विपरीत है। इसी तरह, किरिबाती में कामकाजी घंटे प्रति सप्ताह 27.3 10%, माइक्रोनेशिया में 30.4, रवांडा में 30.4, सोमालिया में 31.4, नीदरलैंड में 31.6, इराक में 31.7, इथियोपिया में 31.9 और कनाडा में प्रति सप्ताह कर्मचारियों को 32.1 घंटे काम करना होता है।

भारत इस नंबर पर
भारत की बात करें, तो इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह दुनिया के सबसे ज्यादा कामकाजी घंटों वाले देशों में 13वें स्थान पर है। रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के हवाले से बताया गया है कि औसत भारतीय कर्मचारी हर हफ्ते 46.7 घंटे काम करता है। इसके अलावा, भारत के 51 प्रतिशत कर्मचारी प्रति सप्ताह 49 या उससे भी ज्यादा घंटे काम करते हैं। इस लिहाज से देखें तो भारत लंबे कामकाजी घंटों के मामले में दूसरे स्थान पर है।

प्रमुख देशों का हाल
अमेरिका में औसत कामकाजी घंटे प्रति सप्ताह 34.3 हैं, जापान में करीब 40 घंटे, रूस में 38.2 और चीन में कर्मचारियों को प्रति सप्ताह 48.22 घंटे काम करना होता है। चीन को छोड़कर बाकी देशों के मुकाबले भारत में कामकाजी घंटे पहले से ही ज्यादा हैं, ऐसे में कर्मचारियों से 90 घंटे काम की उम्मीद रखना बेमानी नजर आता है।

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