‘विलेन नहीं बनूंगा, चाहे कितना भी पैसा मिले’: कादर खान ने बेटे के लिए लिया था बड़ा फैसला

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बॉलीवुड के फेमस एक्टर कादर खान ने विलेन और कॉमेडियन का किरदार बेहतरीन तरीके से निभाया. कादर खान ने एक बार बताया था कि फिल्मों में विलेन से अचानक उनके कॉमेडियन बनने के पीछे एक दिलचस्प कहानी थी.

बॉलीवुड में कई ऐसे दिग्गज कॉमेडियन हुए, जिनके कॉमेडी करने का अंदाज अलग होता था. कुछ ऐसा ही अंदाज कादर खान का था जो पर्दे पर जिस रूप में आते थे, उसमें ढल जाया करते थे. कादर खान ने जब एक्टिंग की शुरुआत की तब बतौर विलेन नजर आए थे, लेकिन 90’s में उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में कॉमेडियन का रोल निभाया था.

सालों पहले जब एक्ट्रेस और प्रेजेंटेटर तबस्सुम ने कादर खान का इंटरव्यू लिया था तो उस दौरान कई सवाल किए थे. उसी में एक सवाल ये भी था कि कादर खान अचानक विलेन से कॉमेडी एक्टर क्यों बन गए? कादर खान ने तब क्या जवाब दिया था, आइए जानते हैं.

विलेन से कॉमेडी एक्टर क्यों बने थे कादर खान?
कादर खान ने बॉलीवुड में 70 के दशक में डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘दाग’, ‘परवरिश’, ‘सुहाग’, ‘कुली’, ‘वतन के रखवाले’, ‘नसीब’, ‘तोहफा’, ‘स्वर्ग से सुंदर’ और ‘इंतकाम’ जैसी फिल्मों में बतौर विलेन काम किया जो 70 और 80 के दशक में आई थीं. वहीं 90 का दौर आते-आते कादर खान कॉमेडी एक्टर बन चुके थे.

जब इसके पीछे की वजह उनसे पूछी गई तो कादर खान ने कहा था, ‘एक बार मेरा बड़ा बेटा स्कूल से आया और बैग फेंक दिया, यूनीफॉर्म फेंकने लगा, जूते भी फेंकने लगा, जब वो ऐसा कर रहा था तब मैं एक फिल्म के डायलॉग्स लिख रहा था. मेरा ध्यान उसकी तरफ गया तो उसे अपने पास बुलाया और पूछा क्या हुआ तुम ये सब क्यों कर रहे हो?’

फिल्म दुल्हे राजा में कादर खान और गोविंदा

कादर खान ने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा था, ‘तो मेरे बेटे ने कहा कि उसके स्कूल में सभी उसे विलेन का बेटा कह कर चिढ़ाते हैं. उसके साथ के बच्चे उसे उल्टा-सीधा बोलते थे तो मेरे बेटे ने कहा मुझे शर्म आती है क्योंकि आप फिल्मों में गलत काम करते हो इसी वजह से मैं आपसे बात नहीं करूंगा. बेटे की बात सुनकर मैं हैरान रह गया और बहुत सोचा. इसके बाद मैंने फैसला किया कि अब विलेन नहीं बनूंगा चाहे कितना भी पैसा क्यों न मिले. सिर्फ अच्छे रोल प्ले करूंगा, लेकिन बाद में लोगों ने कॉमेडी एक्टर के तौर पर भी मुझे एक्सेप्ट किया इसके लिए मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं.’

कादर खान का निधन कब हुआ?
22 अक्टूबर 1937 को अफगानिस्तान के काबुल में कादर खान का जन्म हुआ. कादर खान की परवरिश मुंबई में हुई और यहीं पर उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की. कादर खान ने बतौर प्रोफेसर पहली नौकरी की थी और उन्हें फिल्मों में लाने वाले दिलीप कुमार थे. कादर खान की पहली फिल्म दाग (1973) थी और इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दीं. 2004 तक उन्होंने बतौर एक्टर फिल्मों में अपना योगदान दिया. आईएमडीबी के अनुसार, कादर खान की आखिरी अपियरेंस फिल्म रंगीला राजा (2019) में थी और ये फिल्म उनके निधन के बाद रिलीज हुई थी.

Alisha Rana

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