डोनाल्ड ट्रंप का अल्टीमेटम: क्या 100 दिनों में खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध?

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अल्टीमेटम दिया है. यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए समझौता करें वरना इसकी भारी कीमत चुकाने के लिए तैयार रहें. ट्रंप ने दो टूक कहा कि अगर पुतिन युद्ध समाप्त करने से इनकार करते हैं तो रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. ट्रंप की इस धमकी को रूस कितना सहन कर पाएगा?

प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी प्रभुत्व वाले छोटे देशों में चीन के विस्तारवाद पर लगाम लगाना चाहते हैं, रूस पर यूक्रेन से युद्ध को खत्म करने का दबाव बना रहे हैं, इजरायल-हमास शांतिवार्ता को मुकाम तक ले जाना चाहते हैं, दुनिया में अमेरिका को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाना चाहते हैं, कनाडा से लेकर पनामा कैनाल तक यूएस सरकार का कब्जा चाहते हैं, साथ ही ये भी चाहते हैं कि तीसरा विश्व युद्ध न होने पाए ताकि दुनिया में शांति कायम हो सके; अब उन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दे दी है, तो इसका अंजाम क्या होगा, पूरी दुनिया की नजर इस पर लगी है.

सवाल अहम हो जाता है कि डोनाल्ड ट्रंप डंडे की चोट पर अपने सारे मिशन में आखिर कैसे और कब तक कामयाबी हासिल कर सकेंगे. अहम बात ये भी हो जाती है कि ट्रंप जब अपने मिशन में आगे बढ़ेंगे तो क्या उनके सामने सफलता का सरपट मैदान होगा? पुतिन से लेकर जिनपिंग तक की चुनौतियों से कैसे निपटेंगे? यह जानते हुए भी कि उनके खिलाफ जिनपिंग और पुतिन की नजदीकियां और भी बढ़ गई हैं. पुतिन कितनी आसानी से उनकी धमकियों को स्वीकार कर लेंगे और चीन, रूस का साथ देने से खुद को कैसे रोक सकेगा?

ट्रंप के ऐलान का युद्ध पर असर नहीं
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने के बाद कई बड़े ऐलान किये थे. इन ऐलानों में हर अमेरिकी को नवराष्ट्रवादी बनने की अपील की गई थी, साथ ही दुनिया में फिर से अपनी धाक जमाने की हुंकार भी भरी थी. ट्रंप ने पद संभालते ही यूक्रेन में युद्ध को लेकर दो प्रमुख ऐलान किये. पहला ऐलान था- वे 100 दिनों में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के प्लान पर काम करेंगे. ट्रंप ने कहा कि वे इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की योजना बना रहे हैं. इस ऐलान से साफ था कि उन्होंने जो बाइडेन के मुकाबले पुतिन के खिलाफ युद्ध की आक्रामकता को कम करना चाहते हैं वहीं यूक्रेन को जारी मदद में भी कटौती चाहते हैं.

हालांकि डोनाल्ड ट्रंप की शपथ के चार दिन बाद भी रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध समाप्ति के कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं. दोनों देशों के बीच हमले बदस्तूर जारी हैं. लंबी दूरी के मारक हथियारों से रूसी सेना कीव के प्रमुख ठिकानों पर लगातार हमले कर रही है और तेल डिपो, हथियारों के भंडार और कारखानों को तबाह कर रही है. रूसी सेना के हमले के जवाब में यूक्रेनी सेना भी पीछे नहीं है. यूक्रेन रूसी हवाई सुरक्षा को लगातार ध्वस्त कर रहा है और रूसी सेना को निशाने बना रहा है.

यूक्रेन का कहना है कि उसका अभियान रूसी हमलों को रोकने के लिए है. पिछले सप्ताह यूक्रेन को कई सफलताएं भी मिलीं. यूक्रेन के तीन ड्रोन ने 16 जनवरी को रूसी क्षेत्र वोरोनिश स्थित लिस्किन्स्काया तेल डिपो पर हमला किया, जिससे उसमें आग लग गई. तेल डिपो नष्ट हो गया. यूक्रेन का कहना था कि यह तेल डिपो ही रूसी सेना को ईंधन प्रदान करता है.

पुतिन की शर्तें सुनना नहीं चाहते ट्रंप
पूरे मामले में ट्रंप के विशेष दूत रिटायर्ड अमेरिकी जनरल कीथ केलॉग ने युद्ध विराम के लिए 100 दिनों का प्लान तैयार कर लिया है. वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप की शपथ के दौरान ही सुरक्षा परिषद की बैठक की और युद्ध समाप्ति को लेकर आगे की वार्ता पर अपनी सहमति जताई. उन्होंने कहा कि अगर युद्ध की मूल वजहों को दूर किया जाए तो समाधान निकल सकता है. यानी पुतिन शर्तों के साथ वार्ता को आगे बढ़ाना चाहते हैं. लेकिन उनकी शर्तें क्या क्या होंगी- इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया है. ऐसे में पुतिन की ओर से साफ-साफ हरी झंडी नहीं मिलने पर ट्रंप धमकी और चेतावनी वाली मुद्रा में आ गए हैं.

पुतिन को दो टूक ऐलान-खत्म करें युद्ध
ट्रंप ने पहले धमकी थी कि यदि मास्को युद्ध को समाप्त करने के लिए किसी समझौते पर सहमत होने में विफल रहता है तो वह अमेरिका और अन्य भागीदार देशों को बेची जाने वाली किसी भी रूसी वस्तु पर ऊच्चस्तरीय शुल्क और बैन लगा देंगे. पुतिन पर लगाम लगाने के लिए अब उन्होंने ये भी कहा कि तेल के दाम कर देने पर रूस को रोका जा सकता है. साथ ही उन्होंने पुतिन को साफ शब्दों में कहा कि अब शांत हो जाओ और इस बेमतलब के युद्ध को रोको. ऐसा नहीं करने पर यह युद्ध और भी विकराल और बदतर हो जाएगा.

रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति पर चीन का रुख
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर भी यूक्रेन के खिलाफ रूस का समर्थन करने का आरोप लगाया, साथ ही युद्ध खत्म करने में आगे आने की अपील की. हालांकि ट्रंप ने इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि चीन ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की. दूसरी तरफ चीन पहले ही कह चुका है कि युद्ध में वह रूस का समर्थन नहीं कर रहा. यानी चीन की तरफ से कोई स्पष्ट संकेत न के बराबर हैं.

गौरतलब है कि जिनपिंग और ट्रंप ने 17 जनवरी को भी इस संबंध में बात की थी. अमेरिका और यूक्रेन दोनों देशों ने पहले भी चीन से युद्ध खत्म करने के लिए रूस पर दबाव डालने को कहा था. लेकिन चीन पहले से ही इस संबंध में टालमटोल करता रहा है. चीन बार-बार ये तो कहता है कि वह भविष्य की बातचीत में रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता कर सकता है लेकिन कभी ठोस रूप में सामने नहीं आ सका.

Alisha Rana

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