मेटल डिटेक्टर की मदद से कराते थे परीक्षा में नकल, चीटिंग का ये तरीका कर देगा हैरान

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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हाईकोर्ट प्रतियोगी परीक्षा के दौरान पुलिस ने सॉल्वर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो परीक्षार्थियों को परीक्षा में नकल कराते थे. पुलिस ने उनके पास से सिम डिवाइस, 20 नैनो सिम डिवाइस, तीन वॉकी-टॉकी, 10 फर्जी मोहर, 7 मोबाइल और कानों में लगाने वाली छोटी ब्लूटूथ और मेटल डिटेक्टर बरामद किए हैं.

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से एक ऐसे सॉल्वर गैंग के 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो बड़ी चालाकी से फुल प्रूफ सिक्योरिटी के साथ छात्रों को परीक्षा में नकल कराकर पेपर सॉल्व कराते थे. इसके लिए उन्होंने पूरा प्रोसेस तैयार किया हुआ था. उनके गैंग का खुलासा तब हुआ जब ये हाल ही में हाईकोर्ट की (NTA) आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में सक्रिय हुआ. ये परीक्षा जिले की 12 केंद्रों पर संपन्न कराई गई. इन्हीं परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग परीक्षार्थियों से मोटी रकम लेकर मॉडर्न डिवाइस से लैस कर उन्हें एग्जाम सेंटर तक पूरी सिक्योरिटी से भेजते थे.

इसी दौरान आजमगढ़ में पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए आरोपियों में आजमगढ़ पुलिस को एक श्रवण राम नाम के व्यक्ति का पता चला था. इसके बाद गाज़ीपुर पुलिस ने जब करवाई की, तब कई नाम सामने आए और पता चला कि गाजीपुर के ही राय कॉलोनी के एक मकान में कुछ लोग काफी दिनों से रुके हुए हैं. जब पुलिस ने इन लोगों को पकड़ा तो उनके पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल कर परीक्षार्थियों को परीक्षा दिलाने का काम करने का खुलासा हुआ.

मेटल डिटेक्टर का करते थे इस्तेमाल
परीक्षार्थियों को परीक्षा में पास करवाने का पूरा ठेका लेते थे. उन्हें पुलिस की चेकिंग से बचाने के लिए मॉडर्न डिवाइस का इस्तेमाल करते थे. इसके साथ ही मेटल डिटेक्टर का भी इस्तेमाल करते थे, जो मॉडर्न डिवाइस उन्होंने परीक्षार्थियों को लगाए हैं. उसमें कोई आवाज तो नहीं आ रही है. ये चेक करने के लिए वह मेटल डिटेक्टर अपने पास रखते थे, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. इतना ही नहीं यह लोग परीक्षार्थियों के कानों में एक छोटा ब्लूटूथ डिवाइस लगा देते थे और एक डिवाइस को सिम से कनेक्ट कर देते थे. वॉकी-टॉकी के जरिए साल्वर एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते थे.

एक परीक्षार्थी को पास कराने के 10 लाख
इस तरह परीक्षा के दौरान सभी की कॉपियों को सॉल्व कर देते थे. पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा ने बताया कि परीक्षार्थियों को नकल कर पास करने के बदले में यह लोग 10 लाख रुपए तक की मोटी रकम लेते थे. इसके लिए उनकी ओरिजिनल मार्कशीट, ब्लैक चेक, स्टांप पेपर, आधार कार्ड आदि रख लेते थे. इसके बाद वह फर्जी फोटो और नाम बदलकर आधार कार्ड और स्कूल का प्रमाण पत्र तैयार करते थे. परीक्षार्थी उन्हीं डॉक्यूमेंट्स के साथ परीक्षा देते थे और जो भी अभ्यर्थी परीक्षाओं में पास हो जाता था. तब यह लोग तय रकम परीक्षार्थी से लेकर उनकी ओरिजिनल मार्कशीट वापस दे देते थे. उन्होंने बताया कि यह लोग इससे पहले कई परीक्षा में सफल भी हो चुके हैं, लेकिन इस बार पुलिस के हत्थे चढ़ गए.

पुलिस ने इतना सामान किया बरामद
पकड़े गए चारों आरोपी में 3 शिक्षक भर्ती की तैयारी कर रहे थे. गिरफ्तार आरोपी सर्वजीत सिंह हाल ही में बीएससी में पास हुआ था. हालांकि अभी उसकी जॉइनिंग नहीं हुई, जबकि मुख्य आरोपी श्रवण कुमार बीएड तो सरवन यादव M.A और पंकज कुमार राय बीएड पास है. तीनों अभी शिक्षक भर्ती की तैयारी में लगे हुए हैं. इनके पास से वाई-फाई राऊटर, सिम डिवाइस, 20 नैनो सिम डिवाइस, तीन वॉकी-टॉकी, 10 फर्जी मोहर, 7 मोबाइल और कानों में लगाने वाली छोटी ब्लूटूथ भी बरामद हुई. इन ब्लूटूथ डिवाइस को वह परीक्षा में काम हो जाने के बाद मैग्नेट के सहारे कान से बाहर निकालते थे.

Alisha Rana

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