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ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर भड़क उठे बाबा रामदेव

ममता कुलकर्णी ने सांसारिक मोहमाया त्याग कर संन्यासी जीवन अपना लिया है. महाकुंभ में किन्नर अखाड़े का उनको महामंडलेश्वर बना दिया गया है. इस बात से कई साधुओं को आपत्ति है. बाबा रामदेव ने भी इसपर सवाल उठाया है और कहा है कि आजकल किसी की भी मुंडी पकड़कर महामंडलेश्वर बना दे रहे हैं.

ममता कुलकर्णी पिछले कई दिनों से लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं. अब मोहमाया त्याग चुकीं पूर्व एक्ट्रेस महामंडलेश्वर बन चुकी हैं. ममता करीब 24 साल के बाद भारत लौटीं और अचानक से महाकुंभ में पहुंचकर सबकुछ त्याग कर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गईं. उनके इस कदम के बाद लगातार ममता की आलोचना हो रही है और सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर एक दिन में कोई संत कैसे बन गया. अब इसी पर योग गुरु बाबा रामदेव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि एक दिन में कोई संत नहीं बन सकता है.

हाल ही में बाबा रामदेव ने महाकुंभ में रील्स के नाम पर फैलाई जा रही अश्लीलता पर सवाल उठाए हैं और नाराजगी जताई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि एक दिन में कोई संत नहीं बन सकता है, इसके लिए कई सालों की साधना की जरूरत होती है, तब संत बनते हैं.

कुंभ में रील्स के नाम पर फैलाई जा रही फूहड़ता पर बोले रामदेव
रामदेव ने मीडिया से बातचीत में कहा, “कुछ महामंडलेश्वर बन गए हैं. किसी के भी नाम के आगे बाबा जोड़ देना, किसी भी प्रकार की ओछी हरकतों को, रील्स को कुंभ के नाम पर लोगों तक पहुंचाना ये ठीक नहीं है. असली कुंभ वो है जहां मनुष्यता से देवत्व में, ऋषित्व में, ब्रह्मत्व में आरोहरण पाया जाता है. स्नान से ध्यान से योग साधना से, सत्य, प्रेम करुणा से ध्यान योग, भक्ति योग, कर्म योग, ये योग की त्रिवेणी है. एक होता है सनातन को महसूस करना, सनातन को जीना और सनातन को बढ़ाना. मात्र सनातन के नाम पर कुछ छिछोरे शब्द बोल देना इतना सनातन नहीं है. सनातन तो वो शास्वत सत्य है जो कभी झुठलाया नहीं जा सकता है.”

ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर भड़के रामदेव
इस दौरान जब उनसे ममता के महामंडलेश्वर बनने पर सवाल किया गया तो बाबा रामदेव ने कहा, “एक दिन में कोई संतत्व को उपलब्ध नहीं हो सकता है. उसके लिए वर्षों की साधना लगती है. आज तुम्हारे सामने स्वामी रामदेव भी खड़ा है. हमलोगों को इस साधुता को पाने में 50-50 वर्षों का तप लगा है. इसको संतत्व कहते हैं. साधु होना बहुत बड़ी बात है. महामंडलेश्वर तो बहुत बड़ा तत्व है. आजकल मैं देख रहा हूं कि किसी की भी मुंडी पकड़कर महामंडलेश्वर बना दिया, ऐसा नहीं होना चाहिए.”

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