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Farmers Protest: दिल्ली कूच पर अड़े किसान, नोएडा पुलिस ने कहा- किसी भी कीमत पर किसानों को बॉर्डर के अंदर नहीं जाने देंगे

किसान संगठनों का कहना है कि सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे वे सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए हैं। वहीं, नोएडा पुलिस ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।


नोएडा और दिल्ली की सीमाओं पर एक बार फिर किसानों और प्रशासन के बीच तनाव बढ़ गया है। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच का ऐलान किया है, लेकिन नोएडा पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि किसी भी कीमत पर किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

कृषि कानून के तहत मुआवजे और लाभ की मांग पर जोर

संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज हजारों किसान नोएडा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। प्रशासन और किसानों के बीच रविवार को बैठक हुई थी, जिसमें किसानों की मांगों पर सहमति नहीं बन पाई थी। जिसके बाद भारतीय किसान परिषद के नेता सुखबीर खलीफा ने रविवार को घोषणा किया कि संसद भवन तक किए जाने वाले इस मार्च में किसानों के लिए कृषि कानून के तहत मुआवजे और लाभ की मांग पर जोर दिया जाएगा।

दिल्ली और नोएडा पुलिस अलर्ट

आपको बता दें कि किसानों का यह मार्च आज दोपहर में नोएडा के महामाया फ्लाईओवर के पास से शुरू हो गया है। इसमें हजारों किसान ट्रैक्टरों पर बैठकर और पैदल चलते हुए दिल्ली की ओर बढेंगे। किसानों के इस मार्च को देखते हुए दिल्ली और नोएडा पुलिस सतर्क हो गई है। नोएडा पुलिस ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर किसानों को दिल्ली नहीं जाने देंगे।

किसान मार्च को देखते हुए नोएडा में धारा-163 लागू

किसानों के दिल्ली चलो मार्च के कारण शहर में कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया है। इसके लिए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने पहले ही एडवाइजरी जारी करके कई रूटों को डायवर्ट कर दिया है। जिसके बाद अब नोएडा में धारा-163 लागू कर दी गई है। दिल्ली-यूपी को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर पर जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दी गई है। नोएडा पुलिस ने बताया कि सुरक्षा के लिए 4 हजार से पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही है। किसानों को रोकने के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा का प्लान भी तैयार किया गया है।

सरकार किसान की बात सुनने के लिए तैयार- चिराग पासवान

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि सरकार किसानों की बात सुनने और उनसे बात करने के लिए तैयार है। इससे पहले भी जब किसानों को जिन कानूनों पर ऐतराज था उन्हें सरकार ने बिना किसी शर्त के वापस ने लिया था। इससे सरकार की नियत का पता चलता है कि हमारी NDA की केंद्र सरकार पूरी तरह से किसानों की भावनाओं के साथ काम करने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने बातचीत का रास्ता खुला रखा हुआ है और मुझे लगता है कि पहले बातचीत होनी चाहिए। इसके साथ ही अलग- अलग किसान संगठनों के तहत किसानों ने नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल के पास विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है क्योंकि उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।

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