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महाकुंभ भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जनहित याचिका दाखिल

प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. जनहित याचिका में केंद्र सरकार, यूपी समेत सभी राज्य सरकारों को पक्षकार बनाया गया है. महाकुंभ में मची इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई है जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इसमें भगदड़ को लेकर रिपोर्ट तलब करने की मांग की गई है. जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात की गई है. इसके अलावा बड़े आयोजनों को लेकर गाइडलाइंस जारी करने की भी मांग की गई है. जनहित याचिका में केंद्र सरकार, यूपी समेत सभी राज्य सरकारों को पक्षकार बनाया गया है.

यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है. महाकुंभ में मची इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई है जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. याचिकाकर्ता आज चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं.

जनहित याचिका में किन चीजों की मांग?

महाकुंभ हादसे में 30 की मौत
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई है जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए जबरदस्त भीड़ उमड़ी थी. पुलिस का कहना है कि मेला क्षेत्र और अखाड़ों के कुछ बैरीकेट्स टूटने की वजह से यह हादसा हुआ. बैरिकेट्स टूटते ही अनियंत्रित भीड़ स्नान घाटों की ओर बढ़ने लगी.

इस दौरान जो भी कोई नीचे गिरा, लोग उसे कुचलकर जाने लगे. पुलिस का कहना है कि हादसे के वक्त कोई वीआईपी मूवमेंट नहीं था. भगदड़ के बाद आगे के स्नानों को देखत हुए बड़े बदलाव किए गए हैं. पूरा मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. अब संगम क्षेत्र में गाड़िया नहीं आ पाएंगी. वहीं VVIP पास को भी रद्द कर दिया गया है.

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