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महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी, लेकिन पुराने केस से नहीं मिली राहत

शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान जैसे शीर्ष सितारों के साथ काम करने वालीं ममता कुलकर्णी संन्यास ग्रहण करने और महामंडलेश्वर बनने से सुर्खियों में आ गईं, पर विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है. अंडरवर्ल्ड से संपर्क और ड्रग केस जैसे मामले के आरोप की चर्चा फिर से होने लगी है. आइए जानते हैं कि उनके खिलाफ केस के क्या स्टेटस हैं?

1990 के दशक में ‘करण अर्जुन’ और ‘बाजी’ जैसी हिट फिल्मों में अपने अभिनय से प्रसिद्धि पाई अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने शुक्रवार को प्रयागराज के महाकुंभ में संन्यास ग्रहण किया और किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी प्रदान की. उनका नया नाम श्री यमाई ममता नंदगिरी दिया गया. शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान जैसे शीर्ष सितारों के साथ काम करने वालीं ममता कुलकर्णी संन्यास ग्रहण करने और महामंडलेश्वर बनने से सुर्खियों में आ गईं, पर विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है. अंडरवर्ल्ड से संपर्क और ड्रग केस जैसे मामले के आरोप फिर से सामने आने लगे.

ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनाए जाने से लेकर उनके पुराने क्रिमिनल केस को लेकर सवाल किये जाने लगे. महामंडलेश्वर बनाए जाने के सवाल पर किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने साफ कहा कि वह पिछले डेढ़ साल से उन लोगों के संपर्क में थीं. उन्होंने दीक्षा ले रखी थी और संन्यास ग्रहण कर वह आखड़े में शामिल हो गयीं. वहीं, क्रिमिनल केस के संबंध में साफ कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे ड्रग केस को खारिज कर दिया है. आइए जानते हैं कि ममता कुलकर्णी के खिलाफ किस तरह के केस चल रहे थे और वर्तमान में उनकी स्थिति क्या है?

ड्रग्स जब्ती मामले में ममता पर केस
अप्रैल 2016 में ठाणे पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर की गई ड्रग की खेप पकड़ी गई थी. एंटी-नारकोटिक्स सेल ने 80 लाख रुपए की कीमत की इफेड्रिन ले जा रहे दो वाहनों को रोका था. यह पदार्थ महाराष्ट्र के सोलापुर में एक फैक्ट्री में पाया गया था, जिसे एवन लाइफ साइंसेज लिमिटेड द्वारा चलाया जाता है, जो कथित तौर पर ममता कुलकर्णी के पति विक्की गोस्वामी द्वारा नियंत्रित कंपनी है. पुलिस ने आरोप लगाया कि कुलकर्णी, जो कंपनी के निदेशक थे और उनके पास 11 लाख शेयर थे, ड्रग तस्करी ऑपरेशन में शामिल थे.

2000 करोड़ के जब्त किए गये थे ड्रग्स
विक्की गोस्वामी पर इस रैकेट के पीछे मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया गया था, जिसमें नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत एक नियंत्रित पदार्थ इफेड्रिन का निर्माण और खरीद शामिल थी. पुलिस ने बाद में छापेमारी करते हुए सोलापुर में एवन लाइफसाइंसेज लिमिटेड के स्वामित्व वाली एक फैक्ट्री से 2,000 करोड़ रुपये मूल्य का 18,000 किलोग्राम इफेड्रिन भी जब्त किया.

ममता कुलकर्णी को पुलिस ने बनाया था मुख्य आरोपी
पुलिस ने मामले में ममता कुलकर्णी को मुख्य आरोपी बनाया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह अवैध गतिविधियों में शामिल थीं और ड्रग व्यापार पर चर्चा करने के लिए तंजानिया और दुबई में बैठकों में शामिल हुई थीं. हालांकि, कुलकर्णी ने 2018 में अपने खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें दावा किया गया था कि वह निर्दोष हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. कुलकर्णी के खिलाफ मामला रद्द करने का अदालत ने बड़ी राहत थी, जो केन्या में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रही थी, जहां वह अपने पति के साथ रह रही थी.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामला किया खारिज
पिछले साल बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2,000 करोड़ रुपये के ड्रग्स मामले में ममता कुलकर्णी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया था. न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने कुलकर्णी के खिलाफ सबूतों की कमी का हवाला देते हुए उनके खिलाफ मामला खारिज कर दिया.

25 साल बाद लौंटी मुंबई, किया भावुक पोस्ट
उसके बाद दिसंबर 2024 में ममता कुलकर्णी मुंबई लौट आई थीं और 25 साल के बाद मुंबई लौटने पर उन्होंने इस्टाग्राम पर बहुत ही भावुक पोस्ट किया था. उनके मुंबई लौटने के बाद फिर से उनके बॉलीवुड में वापसी की बात कही जा रही थी, लेकिन शुक्रवार को महाकुंभ पहुंच कर संन्यास ग्रहण कर सनसनी फैला दीं.

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